हर दिल में संविधान: वर्ष भर चलने वाला संवैधानिक जागरूकता अभियान

हर दिल में संविधान, संविधान के विषय में जागरूक करने के लिए समर्पित एक अभियान है जिसे दिनांक 23 जनवरी, 2023 से झारखण्ड के विभिन्न जिलों में स्कूलों, कॉलेजों, नागरिक समाज संगठनों और नागरिकों की भागीदारी के साथ शुरू किया गया। हर दिल में संविधान अभियान को मनाने के लिए झारखण्ड में झारखण्ड सी.एस.ओ. फोरम में 50 से अधिक सिविल सोसाइटी संगठनों ने विभिन्न गतिविधियों जैसे संस्था के लोगों के साथ संविधान के प्रस्तावना को पढ़ना, स्कूल के बच्चों के साथ संविधान के प्रस्तावना को सामूहिक पढ़ना एवं संविधान के बारे में चर्चा करना इत्यादि किया। लोगों ने इस गतिविधि से सम्बंधित विडियो एवं फोटोग्राफ साझा किये हैं। कई लोगों ने व्यतिगत तौर पर संविधान के प्रस्तावना को पढ़कर अपना विडियो साझा किये हैं। यह गतिविधि झारखण्ड के विभिन्न जिलों में आयोजित किये गये हैं, और लगातार यह गतिविधि गाँव-गाँव में प्रसारित किये जा रहे हैं। संस्था अपने प्रत्येक कार्यक्रम को शुरू करने से पहले प्रस्तावना को सामूहिक पठन एवं चर्चा कर इसे विस्तार कर रहे हैं। हर दिल में संविधान कार्यक्रम महिला मंडल स्तर एवं पंचायत स्तर पर भी लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय संविधान के लिए यह अभियान 2023 में पूरे वर्ष चलेगा, और पूरे भारत में कई भाषाओं में प्रस्तावना के सामूहिक पाठ के साथ शुरू होगा। अभियान के आगे बढ़ने पर इसमें और अधिक संगठनों एवं लोगों के शामिल होने की आशा है। इन गतिविधियों का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि संविधान केवल शब्द नहीं है, बल्कि वह शक्ति है जो प्रत्येक नागरिक के पास होती है। हर दिल में संविधान अभियान तीन चरणों में सम्पन्न होगा। पहला चरण 15 जनवरी से 26 जनवरी, 2023 तक है; दूसरा चरण 15 नवंबर से 26 नवम्बर, 2023 तक और तीसरा चरण 15 जनवरी से 26 जनवरी, 2024 तक चलेगा।

1950 में हमारे प्रथम गणतंत्र दिवस के बाद से, भारत का संविधान समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व के मूल्यों पर हमारे राष्ट्र के निर्माण का मार्गदर्शक रहा है। इसने ऐसी आधारशिला के रूप में कार्य किया है जिस पर भारत के लोगों ने अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने, चुनौतियों पर काबू पाने और अपने जीवन तथा समुदायों को बेहतर करने का प्रयास किया गया है। सिविल सोसाइटी संगठनों के लोगों ने अधिकारों और कल्याण की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए कठोर श्रम किया है। हालांकि, बड़ी संख्या में लोग उन मूल्यों, अधिकारों और उत्तरदायित्वों के बारे में पूरी तरह से जागरूक और सचेत नहीं हैं जो इस शक्तिशाली दस्तावेज़ का आधार हैं। आज दैनिक जीवन में संविधान के महत्व को समझने करने के लिए व्यापक राष्ट्रव्यापी प्रयास की आवश्यकता है। और भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ की तैयारी इस मूलभूत दस्तावेज को लोकप्रिय बनाने का एक ऐतिहासिक अवसर प्रदान करती है। यह आवश्यकता और अवसर ही हर दिल में संविधान की प्रेरक शक्तियां हैं।

अतः हम सभी पाठकों से विनम्र निवेदन करते हैं कि ऐसी कोई भी सामूहिक कार्यक्रम/गतिविधि करते हों तो उस गतिविधि में संविधान से सम्बंधित चर्चा अथवा प्रस्तावना का सामूहिक पठन का विडियो अथवा फोटोग्राफ्स हमारे वेबसाइट पर दिए गये लिंक के माध्यम से अपलोड करें ताकि हम उसे एक बड़े प्लेटफार्म पर प्रदर्शित कर सकें। यह प्रक्रिया लोगों के संविधान के मूल्यों को समझने में कारगर सिद्ध हो सकेगी।